प्रधानमंत्री मोदी ने अग्निवीरों से संवाद कर उनका हौंसला बढ़ाकर सेना में जाकर देश सेवा का जज्बा रखने वाले युवाओं में किया नव ऊर्जा का संचार।
विजय पाण्डेय
नया भारत नये जोश के साथ आगे बढ़ रहा है। ….तरक्की के नये आयाम गढ़ रहा है। एक युवा जो बचपन से राष्ट्र सेवा की भावना के साथ सेना में जाने का सपना देखता है उन्हें वह साकार कर रहा है और अग्निवीर बनकर देश सेवा की शपथ ले रहा है। युवाओं के हौंसलों को नई उड़ान दे रही है अग्निपथ योजना। जो आने वाले भविष्य में 46 हजार युवाओं को अग्निवीर के रूप में उन्हें भारतीय सेना की एक नई राह दिखाएगी और एक अच्छा अनुशासित नागरिक बनाएगी। तमाम विरोधों और बवाल के बावजूद सरकार के नव संकल्प के साथ ही सेना को अग्निवीरों का पहल बैच मिल रहा है। इस बैच की सबसे सुखद और सार्थक बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्वयं अग्निवीरों से बातचीत की। बेशक उन्होंने अग्निवीरों से वीडियो कॉन्फ्र्रेंसिंग के जरिए बात की लेकिन इसके माध्यम से उन्होंने “नया भारत, नया जोश“ के मंत्र से युवाओं की ताकत और नये भारत की संकल्पना को साकार करते हुए उन्हें नये जोश और आत्मविश्वास से भर दिया।… साथ ही सेना में जाकर देश सेवा की भावना रखने वाले युवाओं में नवीन ऊर्जा का संचार कर दिया। पहले जानते हैं कि आखिर क्या है अग्निपथ ?

….केंद्र सरकार ने पिछले साल 14 जून को सेना में नए जवानों की भर्ती के लिए अग्निपथ योजना का ऐलान किया था। इसके तहत जल, थल, और वायु तीनों सेनाओं में 17 से 21 वर्ष के युवाओं को चार साल के लिए भर्ती करना था। भर्ती होने वाले युवाओं को सशस्त्र बलों में सेवा करने का अवसर मिलेगा और उन्हें अग्निवीर का नाम दिया जाएगा। चार साल के बाद प्रत्येक बैच के केवल 25 प्रतिशत जवानों को ही 15 साल की अवधि के लिये उनकी संबंधित सेवाओं में रखा जाएगा। सरकार के ऐलान के साथ ही इस योजना को लेकर देशभर में बवाल मचा था और विपक्षी दलों ने जमकर आलोचना की थी। राहुल गॉधी भी अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान “यह कैसा राष्ट्रवाद“ कहकर अग्निवीर योजना को युवाओं के साथ खिलवाड़ करार देते हुए कहा था कि 6 महीने ट्रेनिंग लो 4 साल नौकरी करो और फिर जीवन भर के लिए बेरोजगार हो जाओ। बावजूद इसके सारे विरोधों को दरकिनार करते हुए सरकार अपने निर्णय पर कायम रही।

सरकार ने कहा है कि यह सशस्त्र बलों को अधिक युवा बनाएगी तथा सेना की मौजूदा जरूरतों को पूरा करेगी और शुरू हो गया भर्ती का सिलसिला। इतना जरूर हुआ कि विरोध के कारण आयु सीमा को 21से बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया गया। वेतन की बात करें तो पहले वर्ष 30 हजार, दूसरे वर्ष 35 हजार, तीसरे वर्ष 36 हजार 500 और चौथे वर्ष 40 हजार प्रति महीने का प्रावधान है। 30 फीसदी राशि कटेगी, इतनी ही राशि सरकार जोड़ेगी और यह पूरी राशि सेवा समाप्ति के बाद मिलेगी, इसे रिटायरमेंट फंड भी कह सकते हैं। कुल मिलाकर चार साल की नौकरी में युवाओं को 23 लाख 43 हजार 160 रुपए नकद मिलेंगे। इस राशि पर इनकम टैक्स नहीं लगेगा। अब बात करते हैं मोदी के “मंत्र“ की जो देश और दुनिया में चर्चा का विषय बना। …अग्निवीर का पहला बैच जम्मू-कश्मीर से चुना गया है। इन अग्निवीरों ने बीते साल 26 दिसंबर को ट्रेनिंग के लिए आर्मी ज्वॉइन की थी। फिजिकल टेस्ट, लिखित परीक्षा और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद करीब 200 युवाओं को चुना गया था, अब इनकी ट्रेनिंग पूरी होने जा रही है।
इनसे चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि अग्निपथ योजना मील का पत्थर साबित होगी और यह सशस्त्र बलों को मजबूत करने तथा भविष्य में आने वाली चुनौतियों के लिए उन्हें तैयार करने में एक ‘‘गेम चेंजर’’ साबित होगी। युवा अग्निवीर सशस्त्र बलों को अधिक युवा और ‘‘टेक सेवी’’ (आधुनिक तकनीक व प्रौद्योगिकी के जानकार) बनाएंगे। युवाओं की भावना सशस्त्र बलों की बहादुरी को दर्शाती है, जिसने हमेशा राष्ट्र के झंडे को ऊंचा रखा है।“नया भारत नए जोश से भरा हुआ है“। ‘‘इस अवसर के माध्यम से वे जो अनुभव प्राप्त करेंगे, वह जीवन के लिए गर्व का स्रोत होगा।’’ सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के साथ-साथ उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास चल रहे हैं। इक्कीसवीं सदी में युद्ध लड़ने के तरीके बदल रहे हैं। संपर्क रहित युद्ध के नए मोर्चों और साइबर युद्ध की चुनौतियां सामने आ रही हैं। युवाओं की वर्तमान पीढ़ी में विशेष रूप से यह क्षमता है। ऐसे में ‘‘तकनीकी रूप से उन्नत सैनिक हमारे सशस्त्र बलों में महत्वपूर्ण अग्रणी भूमिका निभाएंगे। इसलिए अग्निवीर भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।’’
प्रधानमंत्री का कहना था कि यह योजना महिलाओं को और सशक्त बनाएगी। अब महिला अग्निवीर नौसेना का गौरव बढ़ा रही हैं। ‘‘वह तीनों बलों में महिला अग्निवीरों को देखने के लिए उत्सुक हैं।’’ प्रधानमंत्री ने सियाचिन में तैनात महिला सैनिक और आधुनिक लड़ाकू विमान उड़ाने वाली महिलाओं का उदाहरण देते हुए अग्निवीरों को बताया कि कैसे महिलाएं विभिन्न मोर्चों पर सशस्त्र बलों का नेतृत्व कर रही हैं। अग्निवीरों को चाहिए कि उन्हें विभिन्न भाषाओं, विविध संस्कृतियों और जीवन जीने के तरीकों के बारे में सीखने की कोशिश करनी चाहिए। टीम भावना और नेतृत्व कौशल को निखारने से उनके व्यक्तित्व में एक नया आयाम जुड़ेगा। युवाओं और अग्निवीरों की क्षमता की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ये अग्निवीर ही हैं, जो 21वीं सदी में राष्ट्र को नेतृत्व प्रदान करने जा रहे हैं।
यह कहना मुनासिब होगा कि जब एक युवा 22-25 वर्ष की आयु में सेना की नौकरी करने के बाद जब घर लौट कर आएगा तब उसके पास अनुशासित जीवन जीने और देश के लिए कुछ बेहतर करने का एक नया जज्बा होगा। उसके पास इतना धन भी होगा कि वह उच्च शिक्षा हासिल कर नई मंजिल की ओर बढ़ सके या फिर उसी धन से उद्यमिता की नई राह बढ़ सके। सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि युवाओं में देश प्रेम बढ़ेगा और निकट भविष्य में वह गेम चेंजर साबित होगा|