संभागीय मीडिया सेंटर में आयोजित पत्रकार-वार्ता में रवि शंकर प्रसाद ने सर्व प्रथम इंडिया गंठबंधन के नाम पर कांग्रेस पर हमला बोला
ग्वालियर। राजमाता विजयाराजे सिंधिया की आज जन्म तिथि है मैं बहुत आदर के साथ उन्हें प्रणाम करता हूॅ। राजमाताजी ने समर्पण और संकल्प के साथ हमारी विचारधारा को आगे बढ़ाया…और जनसंघ के समय से भाजपा को भी आगे बढ़ाया… राजमाता के स्मरण के साथ मीडिया से रूबरू हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद।
बुधवार को होटल एंबियंस स्थित भाजपा के संभागीय मीडिया सेंटर में आयोजित पत्रकार-वार्ता में रवि शंकर प्रसाद ने सर्व प्रथम इंडिया गंठबंधन के नाम पर कांग्रेस पर हमला बोला-उन्होंने कहा कि देश को प्रधानमंत्री मोदी का विकल्प देने वाले विधानसभा चुनाव में एक नहीं हो पाते हैं। इसके बाद उन्होंने एक समाचार-पत्र में प्रकाशित कमलनाथ के इंटरव्यू को पढ़कर सुनाते हुए कहा कि प्रदेश में जो कांग्रेस के मुख्यमंत्री के चेहरे हैं उनकी यह सोच है। उनकी सोच पर तरस आता है। इंडिया गठबंधन बनता है तीन-तीन बैठक होने के बाद एकता नहीं बनती है।
लेकिन भाजपा ने स्थायित्व दिया है। मुझे गर्व है कि आज शिवराज की सरकार ने मध्य प्रदेश को बीमारू राज्य से तरक्की की राह पर खड़ा कर दिया है। उन्होंने राम मंदिर निर्माण पर भाजपा की जमकर प्रशंसा की और कहा कि राम मंदिर के पोस्टर पर कांग्रेस को परेशानी है। जबकि पॉच सौ वर्ष की गुलामी के बाद संवैधानिक प्रकिया का पालन करते हुए एक भव्य राम मंदिर बन रहा है। कांग्रेस पार्टी ने हमेशा मंदिर के निर्माण में अडं़ंगे डाले हैं। कांग्रेस आजतक देश की संस्कृति और राष्ट्रवाद के बारे में समझ ही नहीं पाई है। उन्होंने कांग्रेस को लगातार कठघरे में खड़ा कर चुनौती देते हुए कहा कि यदि कांग्रेस में हिम्मत है तो वह खुलकर राममंदिर का विरोध करे। हनुमानजी की बात और वक्त वे वक्त पूजा करने वाले कमलनाथ और दिग्विजय सिंह कभी राममंदिर गए हैं क्या?
अपनी बात पूरी करने के बाद जब मीडियाकर्मियों ने उनसे सवाल पूछना शुरू किया तो वे पहले बोले भाई ग्वालियर से दिल्ली काहे को पहुंच रहे हैं। उन्होंने प्रदेश में बढ़ते भ्रष्टाचार और इसी मुद्दे पर घिरी शिवराज सरकार के बारे में चुप्पी साध गए। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर खामोश हो गए। पार्टी में चेहरा बनाने की बात पर बोले की परंपरा नहीं है। चुनावी मुद्दा क्या है? जनता आपको वोट क्यों करें? के सवाल पर उन्होंने मुद्दों का जिक्र तक नहीं किया और पार्टी की नीति और रीति का हवाला देकर विकास कार्यों, किसानों के हित में बेहतर कार्य, पूंजी निवेश होने और बीमारू राज्य से बेहतर राज्य बनाने की बात पर जनता वोट देने की बात करने लगे।
उमाभारती के सवाल पर उन्होंने कोई सार्थक जवाब नहीं दिया। वे सिर्फ इतना बोले कि उमा भारती हमारी वरिष्ठ नेता हैं हम उनका सम्मान करते हैं… इससे जयादा कुछ नहीं कह सकता। वे हमास को लेकर विपक्ष पर आक्रामक होते रहे लेकिन मणिपुर के मुद्दे पर पार्टी के बारे में सफाई देते रहे। पटवारी घोटाला, नर्सिंग घोटाला और आयुष्मान घोटाले पर चुप्पी साध गए। जब पत्रकारों ने उन्हें कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की तो फिर नमस्कार करके उठकर चलते बने।