विश्व क्षय रोग दिवस पर टीबी हारेगा, देश जीत जीतेगा कार्यक्रम में चिकित्सकों, अधिकारियों, पत्रकारों और समाज सेवियों ने लिया टीबी को देश से मिटाने का संकल्प
ग्वालियर। सामुदायिक गूंज आपकी अपनी आवाज एफएम रेडियो, फैमिली प्लानिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया एवं इंटरनेशनल सेंटर ऑफ मीडिया एक्सीलेंस (आईकॉम) की ओर से विश्व क्षय रोग दिवस (वर्ल्ड टीबी डे) के अवसर पर कैंसर हॉस्पिटल के सभागार में जनगागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में जीआरएमसी के डीन डॉ. अक्षय निगम, आईकॉम के डायरेक्टर डॉ. केशव पाण्डेय, टीबी कैम्पेन के नोडल ऑफिसर प्रबल प्रताप सिंह, आईएमए के प्रेसीडेंट डॉ. राहुल सप्रा, एफपीएआई की ब्रांच मैनेजर डॉ. नीलम दीक्षित, कैंसर हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. बीआर श्रीवास्तव, गूंज के डायरेक्टर डॉ. जेएस सिकरवार एवं एडिशनल एसपी राजेश डंडौतिया अतिथि थे।
गूंज की प्रबंधक कीर्ति सिंह एवं डॉ नीरज कुमार ने अतिथियों का स्वागत किया। डॉ. गुंजन श्रीवास्तव ने टीबी रोग के बारे में प्रेजेंटेशन दिया। टीबी एवं चैस्ट रोग विशेषज्ञ डॉ.़ऋषि के मंगल ने कहा कि टीबी डब्ल्यूएचओ के मुताबिक अभी दुनिया की सबसे घातक किलर डिसीज में से एक है। हर दिन 4100 लोग टीबी से अपनी जान गंवाते हैं। जबकि 30 हजार लोग रोज इसकी चपेट में आ जाते हैं। इससे डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि इसे रोका जा सकता है और इसका इलाज भी किया जा सकता है। जरूरत है तो बस इसके नियमित इलाज की।
वरिष्ठ पत्रकार डॉ. पाण्डेय ने कहा कि टीबी दिवस मनाने का खास उद्देश्य है कि लोगों को टीबी के बारे में बताने के साथ ही यह भी जानकारी दी जाए कि टीबी से उनके स्वास्थ्य, समाज और देश की अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ रहा है। अभियान को धरातल पर लाकर इसे सार्थक सिद्ध करना होगा तभी इसके सकारात्मकता साबित होगी और समाज व राष्ट्र की तरक्की होगी। क्योंकि स्वस्थ समाज से ही देश का विकास होता है।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा के अनुरूप हम सभी को 2025 तक देश से टीबी को मिटाने का संकल्प लेना होगा।

एडिशनल एसपी श्री डंडौतिया ने कहा कि जागरूकता से ही किसी भी बीमारी से बचा जा सकता है। इस बार टीबी की थीम रखी गई है वह अत्यंत महत्वपूर्ण है। थीम में इन्वेस्ट टू एंड टीबी सेव लाइफ्स मतलब कि टीबी को समाप्त करने के लिए निवेश करें। इसका मुख्य उद्देश्य टीबी के खिलाफ लड़ाई को तेज करने की प्रतिबद्धता है।
कैंसर हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि टीबी एक गंभीर संक्रामक रोग है जो सबसे पहले फेफडों को प्रभावित करता है। ट्यूबरकुलोसिस के कारण बनने वाले जीवाणु खांसी और छींक के माध्यम से हवा के द्वारा दूसरे व्यक्ति तक पहुंचकर उसे भी संक्रमित करते हैं। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि लोगों को इसके प्रति जागरूक कर इस रोग को रोका जा सकता है। कार्यक्रम का संचालन आरजे कल्पना ने किया जबकि आभार व्यक्त एफपीएआई के अक्क्षेंद्र कुशवाह ने किया। गुड पेशेंट केयर के हरीश पाल का विशेष योगदान रहा।
मरीजों को लिया गोद
कार्यक्रम में एडिशनल एसपी डडौतिया ने पांच मरीजों को गोद लेने की बात कही तो अन्य अतिथियों ने भी कुछ मरीजों को गोद लिया। गोद लिये गए मरीजों के इलाज, दवाएं और भोजन की व्यवस्था इनकी ओर से की जाएगी।